क्रिकेट न्यूज डेस्क।। 18 साल में पहली बार खिताब जीतने वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के प्रशंसकों के लिए बुरी खबर है। टीम ने हाल ही में अपना पहला खिताब जीता था और विराट कोहली का टीम के लिए खेलने का सपना पूरा हुआ था। टीम के प्रशंसक जश्न मनाना खत्म भी नहीं कर पाए थे कि एक खबर ने उन्हें चौंका दिया। शराब की अग्रणी कंपनी डियाजियो ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाशनी शुरू कर दी है।
यह कदम बैंगलोर के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ के कुछ दिनों बाद उठाया गया है, जहां प्रशंसकों को टीम की ट्रॉफी जीत का जश्न मनाने से रोक दिया गया था। ब्लूमबर्ग के अनुसार, आरसीबी में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाली डियाजियो ने फ्रेंचाइजी के संभावित मूल्यांकन और बाजार में इसकी अपील का आकलन करने के लिए निवेश बैंकों और वित्तीय सलाहकारों से संपर्क किया है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि टीम का स्वामित्व करीब 17 हजार करोड़ रुपये में ट्रांसफर किया जाएगा। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह कदम बैंगलोर में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है, जहां हजारों प्रशंसकों को स्टेडियम में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था, जिससे विवाद और सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गई थीं।
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ के बाद स्थिति और भी खराब हो गई, जब आईपीएल फाइनल के बाद टीम के जश्न को देखने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक एकत्र हुए थे। प्रवेश द्वार पर भगदड़ भीड़ के कारण हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और सार्वजनिक व्यवस्था के मुद्दे उठे। इस घटना ने डियाजियो के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि कंपनी अपनी ब्रांड छवि और आईपीएल से जुड़े जोखिमों का पुनर्मूल्यांकन कर रही है। 2014 में विजय माल्या से आरसीबी में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के बाद से टीम का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है।
मजबूत प्रशंसक आधार होने के बावजूद, आरसीबी अभी तक आईपीएल खिताब नहीं जीत पाई है, जिससे फ्रैंचाइज़ी की व्यावसायिक व्यवहार्यता पर कुछ सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल की बढ़ती लोकप्रियता, टीम का प्रदर्शन और भारत में खेल की व्यापक व्यावसायिक क्षमता सहित कई कारकों से डियाजियो की अपनी हिस्सेदारी बेचने की संभावना प्रभावित हो सकती है। हालांकि, हाल ही में हुई रन-ऑफ घटना निस्संदेह किसी भी संभावित खरीदार के लिए चिंता का विषय होगी। इस मामले पर डियाजियो या आरसीबी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
कंपनी के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि आरसीबी प्रबंधन ने भी किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। यह देखना अभी बाकी है कि क्या डियाजियो वास्तव में आरसीबी में अपनी हिस्सेदारी बेचती है और यदि ऐसा है, तो संभावित खरीदार कौन हो सकता है। फिलहाल, इस कदम ने खेल और व्यापार जगत में अटकलों को हवा दे दी है।
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