मंडी, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में बीते दो दिनों में हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। मंडी जिला के सराज, धर्मपुर, करसोग व सदर क्षेत्र में जगह-जगह बादल फटने से जानमाल का भारी नुक्सान हुआ है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने मंडी में आपदा के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि तीस जून की रात और पहली जुलाई की सुबह मंडी जिला के करसोग, थुनाग, गोहर, धर्मपुर और सदर उपमंडलों में बारिश और बादल फटने की अनेक घटनाओं में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि 30 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। मंडी जिला में अब तक 154 घर ढहने की सूचना है। लेकिन यह आंकड़ा 300 से 400 घरों तक पहुंच सकता है। इसके अलावा 105 गौशालाएं ढही और 164 पशु मरे। इस आपदा में मंडी जिला में 14 पुल बह गए एवं क्षतिग्रस्त हुए।
उपायुक्त ने बताया कि मंडी जिला में प्रशासन की ओर से छह राहत कैंप स्थापित किए गए हैं। जहां पर 354 लोगों को रेस्क्यू करके पहुंचाया गया। मंडी शहर के ऐतिहासिक पड्डल गुरूद्वारा, विपाशा सदन, थुनाग, बगगस्याड, लौंगणी के त्रयांबड़ा माता मंदिर में स्याठी के 61 लोगों को ठहराया गया है। जबकि बाड़ा स्थित विश्रामगृह में 42 लोगों को ठहराया गया।
उपायुक्त ने बताया कि सबसे ज्यादा सराज क्षेत्र के थुनाग उपमंडल में नुक्सान हुआ है। सड़कों के टूटने और ल्हासे आ जाने की वजह से राहत सामग्री पहुंचाने में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि सराज के दूर दराज के क्षेत्रों में जहां गाडि़यों का पहुंचना संभव नहीं है, जिला के अन्य हिस्सों से घोड़े-खच्चर पहुंचाए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा सेब का सीजन होने की वजह से लोगों के सेब भी खच्चरों के माध्यम से सड़कों तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी राहत सामग्री ड्रॉप की जाएगी। इसके लिए सही मौसम का होना जरूरी है। राहत सामग्री में अनाज, सब्जियां, चाय, दालें आदि होती है। जिनके हेलिकॉप्टर द्वारा ऊंचाई से गिराने की वजह से नुक्सान हो जाता है। इसलिए कम ऊंचाई से गिराने की व्यवस्था की जाएगी।
अपूर्व देवगन ने बताया कि जंजैहली, थुनाग और बगस्याड मार्ग जगह-जगह ल्हासे गिरने और सड़क टूटने की वजह से बहाल नहीं हो पाया है। जिसके चलते सनारली, शंकरदेहरा, रायपुर जंजैहली मार्ग से बाहरी लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पांच टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई है।जबकि मंडी में सेना की भी एक टीम भी मौजूद है जो तकनीकी मदद उपलब्ध करवाएगी। जहां पर भी आवश्यक्ता होती है टीमें रवाना की जा रही है। मंडी जिला में 188 सड़कें अवरूद्ध हैं। जिनमें सबसे अधिक धर्मपुर में 42, सराज में 37 और करसोग में 27 सड़कें अवरूद्ध हैं। सराज के थुनाग सब स्टेशन में बिजली की आपूर्ति बहाल होने से राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी आई है।
उपायुक्त ने बताया कि दो दिन की इस भारी बारिश और बादल फटने की घटना से मंडी जिला में करीब 115 करोड़ की सरकारी संपति का नुक्सान हुआ है। अभी तक निजी संपति का आकलन राजस्व अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हार्टिकलचर यूनिवर्सिटी के करीब सौ छात्रों को सुरिक्षत सुंदरनगर पहुंचा कर उनके घरों को भेजा जा रहा है। राहत एवं सामग्री के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को दूरदराज के क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाए गए हैं। सराज के साठ हजार लोग सरक्षित हैं, जो सरकारी कर्मचारी एवं छात्र यहां से जाना चाह रहे हैं उन्हें सुरक्षित निकाला जा रहा है।
रोपवे से निशुल्क लाने-ले जाने की होगी व्यवस्था: बाखली पुल ढह जाने से कल्हणी क्षेत्र के लोगों का संपर्क कट गया है। जिसके चलते बाखली रोपवे के प्रबंधन को स्थानीय लोगों को लाने ले जाने की निशुल्क व्यवस्था के आदेश दिए गए हैं। वहीं पर उनसे कार्य का समय भी बढ़ाने की बात की गई है।
स्याठी गांव के लोगों को सरकारी जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी
उपायुक्त ने बताया कि धर्मपुर उपमंडल के तहत स्याठी गांव के प्रभावितों काे मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी जमीन उपलब्ध करवा कर नियमों के अनुसार घर बनाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में अधिकांश वन भूमि होने की वजह से स्थानीय लोगों को हस्तांतरित करने में दिक्कत पेश आती है। धर्मपुर में सरकारी भूमि की तलाश कर स्याठी के प्रभावितों को बसाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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