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जम्मू में संस्कृत माह का भव्य शुभारंभ हुआ

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जम्मू, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । संस्कृत – भारत की वैदिक आत्मा एवं सांस्कृतिक चेतना की मूल भाषा – के संरक्षण एवं प्रचार हेतु समर्पित संस्कृत माह का भव्य शुभारंभ आज श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट, रायपुर (ठठर), जम्मू द्वारा पंचमुखी हनुमान जी मंदिर, यात्री भवन, जीवल, जम्मू में किया गया। यह शुभारंभ सोशल फॉरेस्ट्री विभाग, जम्मू के सहयोग से 5,000 पौधों के वितरण के साथ संपन्न हुआ जिसमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश निहित रहा। इस अवसर पर जम्मू-कठुआ-सांबा रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) श्री शिव कुमार शर्मा, आईपीएस मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती सुनैना मेहता, प्राचार्य, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान, जम्मू, तथा सम्माननीय अतिथि एसपी (ग्रामीण) श्री बृजेश शर्मा मंच पर विराजमान रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ट्रस्ट के अध्यक्ष, राज्य पुरस्कार प्राप्त महंत रोहित शास्त्री जी ने कहा, संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। उसका संरक्षण और प्रचार-प्रसार हमारा सांस्कृतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि 12 जुलाई से 10 अगस्त तक आयोजित ‘संस्कृत माह’ के अंतर्गत संस्कृत शोभायात्रा, नशामुक्ति रैली, साइबर क्राइम जागरूकता शिविर, संस्कृत वाचन, विद्यार्थी संवाद, वृक्षारोपण सहित विविध साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

मुख्य अतिथि डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने कहा,संस्कृत का संरक्षण केवल भाषाई नहीं, बल्कि यह हमारी जीवनशैली, मूल्यों और पर्यावरणीय संतुलन का संरक्षण भी है। संस्कृत माह की शुरुआत वृक्षारोपण जैसे पुण्य कार्य से करना अत्यंत प्रशंसनीय है। ऐसे आयोजनों से समाज में नैतिकता, अनुशासन और सद्भाव का संदेश जाता है, जो आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। संस्कृत भाषा के संवर्धन हेतु ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे प्रयासों की उन्होंने सराहना की और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

विशिष्ट अतिथि श्रीमती सुनैना मेहता ने कहा,संस्कृत और प्रकृति दोनों ही भारतीय परंपरा के आधार स्तंभ हैं। इन दोनों का संरक्षण एक साथ करना आज की महती आवश्यकता है। उन्होंने ट्रस्ट द्वारा जनमानस को दिया गया यह संदेश अत्यंत प्रेरणादायक बताया। एसपी (ग्रामीण) जम्मू श्री बृजेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, संस्कृत सर्वाधिक सरल भाषा है, जिसके अधिकांश शब्दों का हम दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं। महंत रोहित शास्त्री जी द्वारा संस्कृत को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प अत्यंत प्रेरक है। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर की प्रतिष्ठित संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों के अनेक गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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