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दियोटसिद्ध मंदिर भ्रष्टाचार मामले मे भड़के महंत राजेंद्र गिरी

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हमीरपुर, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . देव भूमि हिमाचल में सरकारी नियंत्रण में चल रहे मंदिरों में फैले करप्शन के माहौल पर अंकुश लगाने के लिए हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुये बाबा बालक नाथ मन्दिर ट्रस्ट दियोटसिद्ध के महंत श्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरी ने कहा है कि इस ऐतिहासिक फैसले से मन्दिरो में फैली करप्शन पर लगाम लगेगी.

महंत ने अपने वीरवार को आवास पर पत्रकारों को सम्बोधन देते हुए कहा कि खोट सिस्टम की कारगुजारी में कर्मचारी तो उनके आदेश के पालक है. उहोंने कहा कि मंदिरों में एचएएस से कम स्तर की नियुक्ति न हो ताकि चढ़ावे का दुरुपयोग पर नियंत्रण हो सके. चढ़ाबे के धन का 90 फीसदी हिस्सा मन्दिर एक्ट के मुताविक श्रद्धालु हित मे खर्च किया जाये .

उहोंने कहा कि वह किसी ट्रस्ट के विरोध में नही हैं लेकिन मंदिरों में करप्शन के सख्त खिलाफ है. महंत बोले अगर श्रद्धालु हित मे वह नहीं बोलेंगे तो बोलेगा कौन? और अगर श्रद्धालु हितों में बोलना उनकी सुबिधाओं की पैरवी करने को ट्रस्ट के सिस्टम बिरोध मानते है तो फिर वह ऐसा विरोध लगातार करेंगे व ज़रूर करंगे.

महंतने कहा कि बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट मे पिछले कई सालों से सरकारें स्थाई मंदिर अधिकारी की नियुक्ति तक नहीं कर पाई है. करोड़ों के चढ़ाबे बाले धार्मिक स्थल पर अस्थाई मंदिर अधिकारी व्यवस्थाओं के देख रहे है . ऐसे मे यहाँ भ्रष्टाचार होना स्वाभाविक है.

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(Udaipur Kiran) / विशाल राणा

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