वाशिंगटन (अमेरिका), 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) . अमेरिका में सरकारी शटडाउन की आहट के बीच डेमोक्रेट्स के सामने करो या मरो की स्थिति है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार वह अमेरिकी President डोनाल्ड जे. ट्रंप से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का मानना है कि सबसे बड़ा पाप शटडाउन की लड़ाई में ट्रंप से हारना नहीं, बल्कि लड़ने से इनकार करना होगा.
एनबीसी न्यूज चैनल के अनुसार, इंडिविजिबल की सह कार्यकारी निदेशक लीह ग्रीनबर्ग का कहना है कि डेमोक्रेट्स को यह समझ में आ गया है कि हालात कितने गंभीर, कितने नुकसानदेह और कितने खतरनाक हो गए हैं. वे जवाबी कार्रवाई के लिए अपने पास मौजूद संसाधनों और ताकत का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं. इंडिविजिबल प्रगतिशील जमीनी स्तर का समूह है. इसकी अमेरिका में हजारों शाखाएं हैं.
इस संबंध में सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने कहा कि इस बार उन्होंने कमर कस ली है. मार्च में हालात दूसरे थे. इस बार ट्रंप प्रशासन को गलत नीतियों के खिलाफ झंडा बुलंद किया जाएगा. फिलिबस्टर के जरिए रोका जाएगा. माना जा रहा है कि बुधवार रात 12:01 बजे संघीय एजेंसियों का खजाना खाली हो चुका है. डेमोक्रेटिक समर्थक अपने नेताओं पर दबाव बढ़ा रहे हैं कि वे ट्रंप से रियायतें हासिल करें. कम से कम लाखों अमेरिकियों के स्वास्थ्य बीमा की लागत को सीमित करने वाली अफोर्डेबल केयर एक्ट की समाप्त हो रही सब्सिडी का विस्तार करें. कुछ का मत है कि ऐसा न होने पर शटडाउन होने दिया जाए.
कहा जा रहा है कि ट्रंप ने डेमोक्रेटिक नेताओं के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया है. उनके बजट निदेशक रस वॉट ने इस सप्ताह धमकी दी है कि अगर डेमोक्रेट्स नवंबर तक सरकार को वित्तपोषित करने वाले रिपब्लिकन पार्टी के विधेयक को स्वीकार नहीं करते तो वे हजारों संघीय कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. रस के इस आक्रामक रुख ने डेमोक्रेटिक सांसदों के सामने धर्मसंकट खड़ा कर दिया है.
शूमर और हाउस माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज के लिए शटडाउन गतिरोध को दूर करना बहुत मुश्किल दिख रहा है. वे अपनी सीमित शक्ति का इस्तेमाल कर रिपब्लिकन ट्राइफेक्टा को अपने कुछ नीतिगत लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकते हैं, पर शायद ही ऐसा हो. डेमोक्रेटिक मतदाता अपनी पार्टी से नाखुश हैं और चाहते हैं कि वे ट्रंप के प्रति अधिक टकरावपूर्ण और कम समझौतावादी रुख अपनाएं.
एनबीसी ने बुधवार को जेफ्रीज से पूछा कि क्या ओबामाकेयर फंडिंग में विस्तार पर्याप्त होगा, तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि रिपब्लिकन मेडिकेड में कटौती को वापस लिया जाए. उन्होंने मौजूदा संकट पर रिपब्लिकन के साथ बातचीत की मेज पर आने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा,अमेरिकी लोगों की स्वास्थ्य सेवा की सुरक्षा से संबंधित कोई भी समझौता ठोस और कानून के दायरे में होना चाहिए.
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि डेमोक्रेट्स रिपब्लिकन के साथ कोई भी समझौता करने से इसलिए कतराते हैं क्योंकि President को कांग्रेस के फैसले को दरकिनार करने और उन कार्यक्रमों पर खर्च करने से इनकार करने का अधिकार है, जो उन्हें पसंद नहीं हैं. यह दृष्टिकोण 1974 के इंपाउंडमेंट कंट्रोल एक्ट के विपरीत है और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इस बीच डेमोक्रेट-कनेक्टिकट सीनेटर क्रिस मर्फी ने डेमोक्रेट्स से ट्रंप के खिलाफ अपनी रणनीति में बदलाव करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप उन पहलुओं को नजरअंदाज कर सकते हैं जो उन्हें पसंद नहीं हैं, तो खर्च का कोई समझौता नहीं हो सकता.
हाउस और सीनेट चुनाव में शामिल डेमोक्रेटिक रणनीतिकार रेबेका किर्स्ज़नर काट्ज़ ने कहा कि आम डेमोक्रेट वाशिंगटन के बजट मुकाबले को लेकर विशेष उत्साहित नहीं हैं, लेकिन वे ट्रंप के खिलाफ जवाबी कार्रवाई देखना चाहते हैं. और, इस समय नेतृत्व को आगे आकर यह दिखाना होगा.
नेब्रास्का में डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष जेन क्लीब का विचार भी कुछ ऐसा ही है. उल्लेखनीय है कि यह स्थिति 2018-2019 के पिछले ट्रंप शटडाउन की याद दिलाती है. यह अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए फंड की मांग को लेकर हुआ था. इसे अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन माना जाता है.
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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