जयपुर, 22 जून (Udaipur Kiran) । जोधपुर के डॉ राकेश बिश्नोई खुदकुशी मामले को लेकर सरकार ने परिजनों की मांगें मान ली और उसके बाद मामला शांत हो गया है। लेकिन इस मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन करने वाले युवा नेताओं की मुश्किलें फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही है। सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना-प्रदर्शन करने के मामले में पुलिस ने एसएमएस थाने में एक मुकदमा दर्ज किया है। इसमें तीन पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सहित नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसएमएस थाने में दर्ज इस मामले की जांच मोतीडूंगरी थानाधिकारी अजयकांत रतूड़ी को सौंपी गई है।
एसएमएस थानाधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि डॉ राकेश बिश्नोई की मौत के मामले में पिछले दिनों एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान 21 जून को पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी, अनिल चोपड़ा, विनोद जाखड़, श्रवण चौधरी, सोहन जांगिड़, शोएब, विकास विधूड़ी, कुलदीप चारण और जय राव ने अपने समर्थकों से आरोग्य पथ जाम करने का आह्वान किया। इसके बाद आरोग्य पथ करीब पांच घंटे जाम रखा गया। जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हुई।
गौरतलब है कि डॉ राकेश बिश्नोई के खुदकुशी मामले में परिजनों को न्याय दिलाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले दिनों एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना-प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान टैंट लगाने की बात को लेकर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और पुलिस के बीच गहमा-गहमी भी हुई थी। हालांकि, बाद में परिजनों और सरकार के बीच सहमति बनने पर धरना-प्रदर्शन खत्म हो गया। अब डॉ राकेश बिश्नोई खुदकुशी के मामले में धरना-प्रदर्शन को लेकर एक नया मुकदमा दर्ज होने के बाद निर्मल चौधरी सहित अन्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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(Udaipur Kiran)
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