– एससीओ के संयुक्त वक्तव्य में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र न होने से नहीं किए हस्ताक्षर
नई दिल्ली, 27 जून (Udaipur Kiran) । शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने गए राजनाथ सिंह ने किंगदाओ में चीन, रूस, तजाकिस्तान, कजाकिस्तान और बेलारूस के रक्षा मंत्रियों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें की हैं। एससीओ के संयुक्त वक्तव्य पर भारत ने इसलिए हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि इसमें पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया गया था। इसलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में पाकिस्तानी आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के उद्देश्य से भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ द्विपक्षीय बैठक में भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर गहन विचार-विमर्श किया। रक्षा मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने स्थायी जुड़ाव और तनाव कम करने के लिए एक व्यवस्थित प्रारूप के माध्यम से जटिल मुद्दों के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। राजनाथ सिंह ने एशिया और दुनिया में स्थिरता के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए अच्छे पड़ोसी हालात बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जमीनी स्तर पर कार्रवाई करके 2020 के सीमा गतिरोध के बाद उत्पन्न अविश्वास को दूर करने का भी आह्वान किया।
दोनों मंत्रियों ने वर्तमान व्यवस्थाओं के माध्यम से सैनिकों की वापसी, तनाव कम करने, सीमा प्रबंधन और सीमांकन से संबंधित मुद्दों पर प्रगति हासिल करने के लिए विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने पांच वर्ष के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुन: शुभारंभ होने की भी सराहना की। राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए जघन्य आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के उद्देश्य से भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव के साथ द्विपक्षीय बैठक में वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों, सीमा-पार आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। रूस के रक्षा मंत्री ने दीर्घकालिक भारत-रूस संबंधों का उल्लेख करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह और कायराना आतंकवादी कृत्य पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। बैठक के दौरान विशेष रूप से वायु रक्षा प्रणाली, वायु से वायु में मार करने वाली मिसाइलों, आधुनिक क्षमताओं और हवाई प्लेटफार्मों के उन्नयन जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं जैसे एस-400 प्रणाली की आपूर्ति, एसयू-30 एमकेआई अपग्रेड और तय समय सीमा में महत्वपूर्ण सैन्य साजो-सामान की खरीद पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेलारूस के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन, तजाकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सोब्रीज़ोदा इमोमाली अब्दुरखिम और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल डौरेन कोसानोव के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं। रक्षा मंत्रियों के साथ अपने वार्ता में राजनाथ सिंह ने रक्षा सहयोग में निरंतर भागीदारी और तकनीकी सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों की खोज के महत्व का उल्लेख किया। राजनाथ सिंह ने अपने समकक्षों को पहलगाम आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के उद्देश्य से भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बारे में भी जानकारी दी। रक्षा मंत्रियों ने क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, सैन्य तकनीकी सहयोग, सैन्य शिक्षा तथा साझा हित के अन्य क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।————–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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