नई दिल्ली, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को नवनिर्मित कर्तव्य भवन में सभी विज्ञान सचिवों की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रालय के उत्तर ब्लॉक से स्थानांतरण के बाद यह नई इमारत में पहली संयुक्त बैठक थी।
बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद सहित परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विज्ञान सचिव और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
आगामी भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी विभागों को स्टार्टअप्स को सहयोग और मार्गदर्शन देने तथा उन्हें राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सवों में शामिल करने का निर्देश दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगामी उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सम्मेलन पर भी विस्तृत सुझाव दिए। यह भारत का वार्षिक प्रमुख मंच है, जो मंत्रालयों, नवाचारकर्ताओं, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, वैश्विक विशेषज्ञों और युवा नेताओं को एक साथ लाता है। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सम्मेलन अत्याधुनिक अनुसंधान, डीप-टेक यानि गहन वैज्ञानिक खोजों, इंजीनियरिंग नवाचारों या अनुसंधान-आधारित प्रगति पर आधारित प्रगति और विचारोत्तेजक चर्चाओं को प्रदर्शित करेगा। इस सम्मेलन के माध्यम से “विकसित भारत 2047” की दिशा में वैज्ञानिक नेतृत्व का नया युग आरंभ होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बायो-ई3 (बाओ-आर्थिक , रोजगार, पर्यावरण) नीति पर जोर देते हुए कहा कि सभी विभागों से बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित उभऱते हुए क्षेत्रों में प्रयास तेज करने को कहा गया है, जिनमें भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में कई क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा की पृष्ठभूमि में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वास्तविक समय की जानकारी और त्वरित चेतावनी प्रणाली को मजबूत बनाने पर बल दिया, ताकि बेहतर तैयारी और जनसुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने डीएसटी, डीबीटी, सीएसआईआर, इसरो और एमओईएस द्वारा पिछले मासिक बैठक में दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई की व्यापक समीक्षा की। बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव
डॉ. अजीत कुमार मोहंती, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव
डॉ. राजेश गोकले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव
डॉ. एम. रविचंद्रन, इसरो के अध्यक्ष
डॉ. वी. नारायणन (जिन्होंने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया)
आईएमडी
के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र, साथ ही डीएसटी, डीबीटी, सीएसआईआर, इसरो, एमओईएस और अन्य विज्ञान विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
You may also like
बॉलीवुड की चमक के पीछे उत्तराखंड की मिट्टी, इन 5 हसीनाओं की कहानी है गजब
कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में मिल सकती है जगह : सुनील गावस्कर
The Bengal Files: A Controversial Take on Historical Violence
टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'बागी 4' का बॉक्स ऑफिस पर कमजोर आगाज़
महाराष्ट्र में मुसलमानों के लिए हलाल टाउनशिप? जानिए क्यों मचा है सोशल मीडिया पर बवाल