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गणेश चतुर्थी पर रहेगा सर्वार्थ सिद्धि-लक्ष्मी नारायण योग का संयोग

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जयपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी 27 अगस्त (बुधवार) को गणेश चतुर्थी महोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन अनेक शुभ योग बनने से गणेश उत्सव का महत्व और अधिक बढ़ गया है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और लक्ष्मी नारायण योग इस तिथि को विशेष रूप से फलदायी बना रहे हैं। बुधवार को गणेश पूजन करने से व्यापार, नौकरी, शिक्षा और नए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

पंडित श्रीकृष्ण चंद्र शर्मा ने बताया कि बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, गणित, व्यापार और तर्कशक्ति का कारक है। चतुर्थी का बुधवार को पडऩा विशेष फलकारी होता है। इस दिन पूजन करने से बुद्ध दोष और वाणी दोष शांत होते हैं तथा विवेक, निर्णय क्षमता और व्यवसाय में स्थिरता आती है। छात्रों को शिक्षा में प्रगति और परिवार को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। गणेशोत्सव के दौरान इस बार सूर्य और केतु की युति रहेगी, जो तुला और कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। साथ ही चंद्रमा और मंगल की युति से लक्ष्मी योग भी बनेगा, जिससे आय और समृद्धि के अवसर मिलेंगे।

गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी की तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे आरंभ होकर 27 अगस्त को अपराह्न 3:44 बजे समाप्त होगी। गणेश चतुर्थी पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। परंपरा के अनुसार भगवान गणेश का जन्म दोपहर में हुआ था। इसलिए गणेश स्थापना का सर्वश्रेष्ठ समय 27 अगस्त को सुबह 11:10 से दोपहर 1:45 बजे तक का रहेगा।

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(Udaipur Kiran)

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