जालंधर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । दुनिया के सबसे बुज़ुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार दोपहर निधन हो गया। 114 वर्षीय फौजा सिंह को पंजाब के जालंधर ज़िले के उनके पैतृक गांव ब्यास पिंड में एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।
फौजा सिंह जन्म 1 अप्रैल 1911 को हुआ था। उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब पहचान बनी, जब उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया। 1993 में अपनी पत्नी जियान कौर के निधन के बाद वह यूके चले गए थे और वहीं उन्होंने दौड़ को अपने जीवन का हिस्सा बनाया। उनकी जीवनी ‘टरबनड टॉर्नेडो’ के अनुसार फौजा ने परिवार के कई सदस्यों के निधन के बाद गहरे अवसाद से उबरने के लिए दौड़ना शुरू किया था। शुरुआत में वे इलफोर्ड (यूके) के सार्वजनिक पार्कों में लंबी सैर किया करते थे, फिर धीरे-धीरे लंबी दूरी की दौड़ की ओर बढ़े। यह खास बात रही कि बचपन में वे काफी कमजोर थे और पांच साल की उम्र तक ठीक से चल भी नहीं पाते थे।
फौजा सिंह की मुलाकात मैराथन कोच हरमंदर सिंह से हुई, जिन्होंने उन्हें मैराथन के लिए प्रशिक्षित किया। उन्होंने 2001 में लंदन मैराथन में 89 साल की उम्र में अपना पहला मैराथन पूरा किया और 42.2 किलोमीटर की दूरी 6 घंटे 54 मिनट में तय की। यह समय 85+ आयु वर्ग में पिछली रिकॉर्ड समय से लगभग एक घंटे बेहतर था। 2011 में, जब वे 100 साल के थे, उन्होंने टोरंटो वॉटरफ्रंट मैराथन पूरा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया और सबसे उम्रदराज मैराथन फिनिशर बने। अगले साल उन्होंने लंदन में अपना अंतिम मैराथन दौड़ा, जिसे उन्होंने 7 घंटे 49 मिनट में पूरा किया।
2001 से 2012 के बीच उन्होंने कुल 9 पूर्ण मैराथन पूरी कीं, जिनमें 6 बार लंदन मैराथन, 2 बार टोरंटो मैराथन और 1 बार न्यूयॉर्क मैराथन शामिल है। 2012 के बाद उन्होंने पूर्ण मैराथन में भाग लेना बंद कर दिया, लेकिन 10 किलोमीटर की दौड़ों में हिस्सा लेते रहे। उन्होंने 2013 में हांगकांग में अपनी अंतिम प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ पूरी की थी। इसके बाद भी वह मैराथन आयोजनों में भागीदारी निभाते रहे और अन्य धावकों को प्रेरित करते रहे।
फौजा सिंह अपने जीवन के अंतिम वर्षों में भी प्रेरणा का प्रतीक बने रहे। वे एडिडास के ‘इंपॉसिबल इज ऩथिंग’ कैंपेन का हिस्सा बने, लंदन 2012 ओलंपिक में ओलंपिक मशाल लेकर चले और 2015 में उन्हें ब्रिटिश एम्पायर मेडल से सम्मानित किया गया।
उनके निधन पर कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने फौजा सिंह को श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल कटारिया ने पिछले वर्ष का एक स्मरण साझा किया जब फौजा सिंह ने उनके साथ ‘नशा मुक्त, रंगला पंजाब’ वॉकाथन में भाग लिया था।
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(Udaipur Kiran) दुबे
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