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हिसार : अब राजस्थान में लहलाएगी एचएयू की उन्नत किस्म सरसों आरएच 1975

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विश्वविद्यालय ने Rajasthan की निजी कंपनी से किया समझौताहिसार, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Haryana कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए गए उन्नत किस्म के बीज अधिक से अधिक किसानों तक उपलब्ध करवाने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में निजी क्षेत्र की कम्पनी रब सीड्स प्राइवेट लिमिटेड, Rajasthan के साथ हकृवि द्वारा विकसित की गई सरसों की नई उन्नत किस्म आरएच 1975 के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बुधवार काे बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लगातार विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित की जा रही हैं. वैज्ञानिकों द्वारा ईजाद की गई उन्नत किस्में देशभर में अपना परचम लहरा रही हैं. किसानों को विश्वसनीय किस्मों का बीज एवं तकनीक उपलब्ध करवा कर प्रदेश एवं देश के खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज की उपस्थिति में हुए समझौते पर रब सीड्स प्राइवेट लिमिटेड Rajasthan की ओर से निदेशक रवि ज्याणी व मनप्रीत सिंह ने हस्ताक्षर किए जबकि विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने हस्ताक्षर किए.पैदावार के साथ तेल की मात्रा भी अधिकसरसों अनुभाग के वैज्ञानिक डॉ. रामअवतार ने बताया कि आरएच 1975 की औसत पैदावार 11-12 क्विंटल प्रति एकड़ तथा 14-15 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता है. इस किस्म में तेल की मात्रा 39.5 फीसद है जिसके कारण यह किस्म अन्य किस्मों की अपेक्षा किसानों के बीच अधिक लोकप्रिय है.इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. पवन कुमार, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश कुमार, बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र मोर, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. रेणू मुंजाल व डॉ. जितेन्द्र भाटिया उपस्थित रहे.

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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