अबू धाबी, 19 सितंबर (Udaipur Kiran News). एशिया कप से अफगानिस्तान की निराशाजनक विदाई के बाद टीम के मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा है कि असफलता अक्सर टीम को फिर से संगठित होने का मौका देती है. इस बार प्रबल दावेदार मानी जाने वाली अफगानिस्तान की लगातार बांग्लादेश और श्रीलंका से मिली हारों ने उनका अभियान जल्द ही समाप्त कर दिया.
ग्रुप-बी के अंतिम मुकाबले में श्रीलंका ने अफगानिस्तान को छह विकेट से हराकर सुपर-4 में जगह बनाई, जबकि इस परिणाम ने बांग्लादेश की राह भी खुलवा दी और अफगानिस्तान का सफर यहीं समाप्त हो गया. मोहम्मद नबी की 22 गेंदों पर 60 रनों की तूफानी पारी के दम पर टीम 169/8 तक पहुंची, लेकिन यह स्कोर जीत के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ.
मैच के बाद ट्रॉट ने कहा, “यह बेहद निराशाजनक और कठिन हार है. हमें लगा था कि 170 का स्कोर नबी की पारी के बाद अच्छा है. मगर श्रीलंका ने शानदार बल्लेबाजी की और हमारी गेंदबाजी व फील्डिंग में हुई गलतियों ने उन्हें बढ़त दी. पावरप्ले में हमारी शुरुआत खराब रही और बल्लेबाजी, गेंदबाजी व फील्डिंग — तीनों में साधारण गलतियां हुईं. ऐसे में जीतना मुश्किल हो गया.”
ट्रॉट ने आगे बताया कि टीम बड़े लक्ष्य लेकर आई थी, पर वे उन्हें हासिल नहीं कर पाए. “अब हमें यह सोचना होगा कि कहाँ कमी रह गई. आने वाले महीनों में टी20 विश्व कप भी है, इसलिए हमें तुरंत सुधार की आवश्यकता है. उम्मीद है यह असफलता हमें मजबूती से लौटने का सबक देगी.”
उन्होंने तेज़ गेंदबाज नवीन-उल-हक की गैरमौजूदगी को भी टीम की एक बड़ी कमी बताया. ट्रॉट ने कहा, “दुर्भाग्य से नवीन चोटिल थे. अगर वे फिट होते तो परिस्थितियाँ अलग हो सकती थीं. हमें सही गेंदबाजों की उपलब्धता पर भी काम करना होगा.”
वहीं, श्रीलंका के बल्लेबाज कुसल मेंडिस ने अफगान स्पिनरों के खिलाफ टीम की रणनीति पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “शुरू से हमें पता था कि वे अधिक स्पिन डालेंगे. इसलिए मैंने और कुसल परेरा ने पहले 12 ओवर संयमित खेले. बाद में रनरेट बढ़ाया और हम आसानी से लक्ष्य की ओर बढ़ते चले गए. हमारी योजना थी कि खेल को लंबा खींचें और जब तेज गेंदबाज आएं तो मौके का फायदा उठाएं. बीच में कुछ बड़े शॉट लगे और हमें फायदा मिला. सच कहें तो अफगानिस्तान के पास अच्छे स्पिनर हैं, लेकिन हमारी रणनीति कारगर रही.”
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