70 दमकल कर्मी, एसडीआरएफ और पुलिसकर्मियों ने किया रेस्क्यू
पहली और दूसरी मंजिल पर था जूते चप्पल का कारखाना
कानपुर, 05 मई . चमनगंज थाना क्षेत्र के गांधीनगर इलाके में रविवार की रात एक पांच मंजिला इमारत में आग लग गयी. घनी आबादी में बनी इस इमारत की पहली और दूसरी मंजिल पर जूता चप्पल बनाने का कारखाना है. जबकि तीसरी और चौथी मंजिल पर परिवार रहते हैं. चौथी मंजिल में रहने वाले एक परिवार से पति पत्नी और तीन बच्चे फंस गए. देर रात करीब 3:30 बजे पति पत्नी का जला हुआ शव निकाला गया. जबकि तीनों बच्चों की तलाश जारी है.
आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना पर बारी-बारी से दमकल की 20 गाड़ियां पहुंच गई. आग की लपटें और उससे निकलने वाला धुआं इतना भीषण था कि दमकलकर्मियों को भी काफी समस्या हो रही थी. इसके चलते घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों द्वारा देर रात करीब दो बजे लखनऊ से एसडीआरएफ टीम को रेस्क्यू करने के लिए बुलाया गया. करीब सात घंटे की कड़ी मशक्क़त के बाद आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन अभी भी फायर ब्रिगेड के करीब 70 जवान आग की तपिश को ठंडा करने के लिए पानी की बौछार कर रहे हैं.
जिस भवन में यह हादसा हुआ उसकी पहली और दूसरी मंजिल पर जूते का कारखाना था. तीसरी और चौथी मंजिल पर परिवार रह रहा था. जबकि पांचवी मंजिल पर छत थी. इलाकाई लोगों ने बताया कि रविवार की रात करीब 8:30 से 9 बजे के बीच कारखाने में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई. मौके पर दमकल कर्मियों और पुलिस ने भवन की तीसरी मंजिल में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें बाहर निकाला लेकिन चौथी मंजिल पर एक परिवार फंसा रह गया. जिसमें पति मोहम्मद दानिश (45) पत्नी नजमी सबा (42) बेटियां सारा (15) सिमरा (12) और सात वर्षीय इनायत को नहीं निकाला जा सका. इसमें पति और पत्नी के शव मिल गए हैं और बच्चों की तलाश जारी है.
जब आग तीसरी मंजिल तक पहुंची तो अचानक तेजी से दो धमाके हुए उसके कुछ देर बाद तीसरा धमाका भी हुआ. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि एलपीजी सिलेंडर फटे होंगे. इस वजह से आग में विकराल रूप ले लिया और देखते ही देखते आग चौथी मंजिल तक पहुंच गई. यही कारण रहा कि परिवार के फंसे सदस्यों को बचाया नहीं जा सका.
पुलिस उपायुक्त मध्य दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी. इस दौरान हुए तेज धमाकों और कारखाने में रखे जलनशील पदार्थ की वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया. एसडीआरएफ टीम और फायरफाइटर्स अभी भी आग की तपिश को ठंडा करने की कोशिश कर रहे हैं.
/ रोहित कश्यप
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