शिमला, 01 जून . ऐतिहासिक रिज मैदान पर रविवार को शिमला ग्रीष्मोत्सव का रंगारंग शुभारंभ हुआ. उत्सव के पहले दिन ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को समर्पित एक भव्य ‘महानाटी’ का आयोजन किया गया. इसमें शिमला शहरी क्षेत्र एवं मशोबरा प्रोजेक्ट से जुड़ी लगभग 150 महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. पारंपरिक पोशाकों में सजी इन महिलाओं ने एकजुट होकर नाटी की लय पर कदमताल करते हुए बेटी बचाने और उन्हें शिक्षा देने का संदेश दिया.
महानाटी में पहुंचे अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने कहा कि ग्रीष्मोत्सव के मंच से इस बार महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं. ग्रामीण महिला मंडल जहां सामाजिक कार्यों में भागीदारी निभा रहे हैं, वहीं स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं.
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा भी मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से बेटियों और महिलाओं के सम्मान में सामूहिक संस्कृति को मंच मिला है.
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ममता पॉल ने जानकारी दी कि ग्रीष्मोत्सव के पांचों दिनों में महिलाओं द्वारा प्रतिदिन ‘महानाटी’ का आयोजन किया जाएगा. यह पहल न केवल लोक संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में अहम है, बल्कि सामाजिक संदेशों को भी प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बन रही है.
कार्यक्रम के दौरान हिमाचल प्रदेश पुलिस के ब्रास बैंड दल ने भी अपने सजीव संगीत से समां बांधा. उनकी मधुर धुनों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया और वातावरण को उल्लास से भर दिया.
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/ उज्जवल शर्मा
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