Next Story
Newszop

अनूपपुर: नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक मंदिर में चंद्र ग्रहण का असर, शयन आरती के समय में बदलाव

Send Push

image

image

अनूपपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध माँ नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में रविवार को लगने वाले चंद्रग्रहण को लेकर विशेष धार्मिक व्यवस्था की गई है। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल 12.57 बजे शुरू हो गया है। इस दौरान आदिकाल से चली आ रही परंपरा के अनुसार माँ नर्मदा की आरती और भोग अर्पित नहीं किए जाएँगे। माँ नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक के प्रधान पुजारी धनेश द्विवेदी उर्फ वंदे महाराज ने बताया कि सूतक काल शुरू होने के साथ ही मंदिर में पूजा-पाठ,आरती और भोग का क्रम स्थगित कर दिया जाता है। इसी तरह जिले भर की मंदिरों में चंद्र ग्रहण के कारण आरती समय में बदलाव किया गया हैं।

माँ नर्मदा की उद्गम स्थली के प्रधान पुजारी ने बताया कि चंद्र ग्रहण रात्रि 9:57 मिनट से शुरू होगा और सूतक 9 घंटे पूर्व यानी 12.57 बजे सूतक लग जायेगा, इसके पूर्व रोज की भांति मॉ नर्मदा की भोग आरती दोपहर 12 बजे हुई और 12.30 बजे पट पूरी तरह से बंद हो गया। इस दौरान परंपरागत रीति के अनुसार किसी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं होगी। संध्या कालीन आरती नही होगी। सूतक काल और ग्रहण समाप्त होने के बाद पुजारी उमेश द्विेवेदी उर्फ बंटी महाराज द्वारा रात्रि 1 बजे मॉ की तीनों आरती होगी। जिसमें सबसे पहले मां को स्नान करा श्रंगार आरती के बाद मंगला आरती कर मां को कलेवा लगेगा और पट बंद हो जायेगा। प्रात: 6 बजे रोजाना की तरह पट खुलेगा।

नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में पुजारी उमेश द्विेवेदी उर्फ बंटी महराज ने बताया कि ग्रहण काल में सूतक लगते ही मंदिरों में पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर परिसर की शुद्धि और स्नान आदि विधियाँ पूरी की जाती हैं। इसके बाद ही पुनः आरती और भोग का क्रम शुरू होता है। माँ नर्मदा मंदिर में हर अमावस्या, ग्रहण और विशेष अवसरों पर इसी परंपरा का पालन किया जाता है। नर्मदा मंदिर के पुजारी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए नियमों का पालन करें।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

Loving Newspoint? Download the app now