मंडी, 28 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने कहा कि बीते पच्चीस जून को कुल्लू जिला में बादल फटने की घटना को सोशल मीडिया पर दिखाकर भ्रमित किया जा रहा है। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए केहर सिंह खाची ने कहा कि पचीस जून की घटना को 23 की आपदा से जोड़ कर देखा जा रहा है और इसे वन विभाग की लापरवाही समझा जा रहा है। जबकि इस घटना की तुलना 2023 की आपदा से नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बादल फटने की वजह से वन भूमि का भी बहुत नुक्सान हुआ है, जो लकड़ी नाले में बहकर आई है वो वनभूमि पर पड़ी वेस्ट लकड़ी है। जिसे वहां से नहीं हटाया जाता है और वही लकड़ी पचीस जून की बाए़ में बह कर आई जो नाले पर बनी एक पुलिया में फंस गई। जिसके टूटने से यह एकसाथ इतनी भारी मात्रा में बहकर आई है।
उन्होंने कहा कि पहले तो मुझे भी यही लगा कि यह लकड़ी अवैध कटान के रूप में बहकर आई होग। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने और मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लेने पर पता चला कि यह वर्षों से जंगलों में पड़ी बेकार लकड़ी, झाड़-झंगाड़ थी, जो मिट्टी,पानी और पत्थरों के साथ बहकर आ गई।
उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला के पार्वती व सराज वन मंडल के अंर्तगत गड़सा घाटी में विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और उसके साथ लगते सेंक्च्यूरी एरिया में मानवीय हस्तक्षेप ने होने की वजह से वहां पर गिरने वाले पड़ों को उठाने की मनाही है। मिट्टी में कार्बन बनाने और इसमें पनपने वाले जीवों के लिए यह आवश्यक होता है। यह वेस्ट मैटिरियल पचीस जून की बाढ़ में बहकर पंडोह डैम तक पहुंचा। जबकि बादल फटने की घटना से वन भूमि के साथ-साथ बड़े-बड़े पेड़ टूटकर नाले में 27 मिलोगीटर के एरिया में बिखरे पड़े हैं। जिनमें अधिकांश तोस, सफेदा व पापुलर प्रजाति के पेड़ हैं। इस बाढ़ से कितना नुक्सान हुआ है, इसका आंकलन करने के केलिए वनमंडलाधिकारियों के नेतृत्व में तीन टीमें बनाई गई है। जो अपनी रिर्पोट सरकार को देगी। इसके अलावा वर्ष 2023 में मंडी जिला के थुनाग में मलबे के साथ बहकर आई लकड़ी की जांच भी उनके द्वारा की गइ है। उसकी रिपोर्ट भी सरकार को भेजी जा रही है। केहर सिंह खाची ने बताया कि वर्ष 2022-23 में छह हजार घन मीटर लकड़ी निकाली गई थी। जिसे वन निगम के डिपुओं के माध्यम से बेच कर राज्य सरकार को राजस्व उपलब्ध हुआ। उन्होंने बताया कि बीते चालीस सालों में पहली बार मुख्यमंत्री सुकखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश वन विाकस निगम मुनाफे में पहुंचा है। इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते 2022 में 328 क्यूबिक मीटर वेस्ट लकड़ी जगंलों में थी, जो बाढ़ में बहकर आ गई। यह वेस्ट लकड़ी जलवायु परिवर्तन के लिए मददगार साबित होती है, इस बारे में कई रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं।
कुलदीप पार्टी की ओर ध्यान दें:
केहर सिंह खाची ने ठियोग से कांग्रेस विधायक एवं पार्टी के प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर के उस बयान पर आपति जताते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ता कभी-कभी सुर्खियों में रहने के लिए बेमतलब के बयान दे देते हैं। जिससे पार्टी और सरकार की छवि खराब होती है। उन्होंने कहा कि कुलदीप सिंह राठौर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं वे पार्टी के हित के लिए कार्य करें, लेकिन तथ्यों को जाने बिना ही सरकार के खिलाफ बयाबाजी से परहेज करें।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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