इंदौर, 28 अप्रैल . डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत इंदौर जिले ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए प्रशासनिक कार्यप्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि आगामी सोमवार से जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. इसके बाद से समस्त फाइलों का संचालन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि ई-ऑफिस के माध्यम से न केवल कामकाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि फाइलों के निपटारे की गति भी बढ़ेगी. अब किसी भी फाइल की स्थिति रियल टाइम में जानी जा सकेगी. इससे कार्यालयों में अनावश्यक देरी और कागजी कार्यवाही में लगने वाला समय भी बचेगा.
यह जानकारी सोमवार को यहां कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई समय सीमा के पत्रों के निराकरण (टीएल) की समीक्षा बैठक में दी गई. बैठक में स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिव्यांक सिंह, अपर कलेक्टर गौरव बेनल, एमपीआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमांशु प्रजापति सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.
बैठक में बताया गया कि जिले में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के लिए बीते कुछ महीनों से तैयारी चल रही थी. अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके संचालन का प्रशिक्षण दिया गया है. तकनीकी ढांचे को भी मजबूत किया गया है ताकि सिस्टम में कोई बाधा न आये. कलेक्टर सिंह ने बताया कि सभी आवश्यक उपकरण, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस कार्यालय अब डिजिटल कामकाज के लिए तैयार हैं. सभी कार्यालयों को ई-बोर्ड कर दिया गया है. अगले सोमवार से सभी कार्यालयों में नयी फाईल ऑनलाईन ही बनेगी. ई-ऑफिस व्यवस्था के तहत पहले चरण में फाइलों की मूवमेंट, नोटशीट तैयार करना, स्वीकृति देना, पत्राचार प्रबंधन और दस्तावेजों का डिजिटल भंडारण जैसी सुविधाएं शुरू की जा रही हैं. आगे चलकर अन्य सेवाओं को भी ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाएगा.
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि ई-ऑफिस के माध्यम से न केवल कामकाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि फाइलों के निपटारे की गति भी बढ़ेगी. अब किसी भी फाइल की स्थिति रियल टाइम में जानी जा सकेगी. इससे कार्यालयों में अनावश्यक देरी और कागजी कार्यवाही में लगने वाला समय भी बचेगा. ई-ऑफिस व्यवस्था से हम प्रशासन को अधिक स्मार्ट, पारदर्शी और उत्तरदायी बना सकेंगे. साथ ही नागरिकों को सेवाओं का लाभ शीघ्रता से मिलेगा. इंदौर प्रशासन का यह निर्णय डिजिटल इंडिया मिशन को जमीनी स्तर पर साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इस व्यवस्था से भविष्य में इंदौर जिले के कामकाज में गुणवत्ता और जवाबदेही और अधिक बढ़ेगी. इस पहल से आम नागरिकों को भी फायदा होगा. विभागीय कार्यों की निगरानी आसान होगी और सेवाएं समयबद्ध तरीके से मिलेंगी. इससे सरकारी कार्यालयों की कार्य संस्कृति में भी सुधार की उम्मीद है.
बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निवेशकों को भू-आवंटन की प्रक्रिया सहज और सरल तरीके से सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा हमारा प्रयास होना चाहिए कि निवेशकों को एक सकारात्मक अनुभव मिले, ताकि वे जिले में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हों. कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि किसी स्तर पर निवेशकों को अनावश्यक कठिनाई का सामना करना पड़ा, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए सभी कार्यों के समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए. कलेक्टर ने पारदर्शी, उत्तरदायी और निवेशकों के अनुकूल वातावरण तैयार करने पर भी विशेष जोर दिया. उन्होंने राजस्व प्रकरणों जैसे नामांतरण, बटवारा और सीमांकन के प्रकरणों को भी निर्धारित समय सीमा में निराकृत करने के निर्देश दिए.
तोमर
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