Next Story
Newszop

हिसार : हकृवि के आंदोलनकारी छात्रों व सरकार के बीच बनी सहमति, आंदोलन होगा समाप्त

Send Push

कुलपति जाएंगे छह माह की छुट्टी परअन्य मांगों को चरणबद्ध से किया जाएगा लागूबातचीत सफल होने के साथ ही 27 को यूनिवर्सिट गेट बंद करने का फैसला टलाहिसार, 25 जून (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में पिछले दो सप्ताह से चल रहा आंदोलन समाप्त होता नजर आ रहा है। सरकार व छात्रों के बीच लगभग सभी मांगों पर सहमति बन गई है। आंदोलनकारी विद्यार्थियों की कुल 8 मांगे थी, जिनमें से सात पर पहले ही सहमति हो चुकी थी लेकिन विद्यार्थी इस बात पर अड़े थे कि कुलपति बीआर कम्बोज को हटाया जाए। अब बीच का रास्ता निकाला गया है कि कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज को छह माह की छुट्टी पर भेजा जाएगा और मानी गई मांगों को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। छात्रों का कहना है कि जैसे ही उनके पास मांगे पूरी होने के रूझान आने शुरू होंगे, वे भी अपना धरना हटाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। वार्ता सफल होने के साथ ही 27 जून को विश्वविद्यालय के सभी गेट बंद करने का फैसला टल गया है।आंदोलनकारी विद्यार्थियों व सरकार की ओर से बातचीत की प्रक्रिया लगातार चल रही थी। मंत्रियों सहित चार विधायकों वाली कमेटी से वार्ता विफल होने के बावजूद दोनों पक्ष बातचीत के लिए प्रयासरत रहे और अंतत: बुधवार को बातचीत सिरे चढ़ गई। बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा व छात्रों के बीच हुई बातचीत के बाद सहमति बनी है। वार्ता के दौरान जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, उसके तहत कुलपति को न्यूनतम छह माह का अवकाश दिया जाएगा और एक पांच सदस्यीय समिति का गठन सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया जाएगा। डीएसडब्ल्यू, सीएसओ और रजिस्ट्रार को प्रशासनिक पदों से स्थायी रूप से हटाया जाएगा। साथ ही, डीन पीजीएस, प्रो. कपिल अरोड़ा, प्रो. दलीप बिश्नोई और प्रो. अतुल ढींगरा को भी पदों से हटाया जाएगा। सीएसओ को सेवानिवृत्ति तक एचएयू मुख्य परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंधित किया जाएगा।छात्रवृत्तियों में वर्ष 2017 के बाद की फीस वृद्धि के अनुपात में वृद्धि की जाएगी और एलडीवी सीटों का निर्धारण 2019 के प्रॉस्पेक्टस के अनुसार किया जाएगा। विश्वविद्यालय कैलेंडर के खंड II में किया गया 93वां संशोधन पूर्ण रूप से वापस लिया जाएगा। विरोध में शामिल किसी भी छात्र, शिक्षक या मानद शिक्षण स्टाफ के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक या कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। सभी परीक्षाएं, थीसिस सेमिनार, थीसिस सबमिशन और पीजी प्रवेश प्रक्रिया को पुनर्निर्धारित किया जाएगा तथा इनकी समयावधि 20 से 30 दिन तक बढ़ाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, अकादमिक परिषद में छात्रों द्वारा निर्वाचित दो छात्र प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। जेआरएफ, गैर-जेआरएफ एवं एमबीए छात्रों के लिए समान फीस संरचना लागू की जाएगी। छात्र समुदाय ने स्पष्ट किया कि जब सरकार द्वारा उपरोक्त सभी मांगें पूर्ण रूप से लागू की जाएंगी, तब वे आंदोलन को पूर्ण रूप से स्थगित कर देंगे। सरकार एवं छात्रों के बीच बनी इस सहमति से विश्वविद्यालय में सामान्य शैक्षणिक गतिविधियों की बहाली का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Loving Newspoint? Download the app now