आज 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर, जब पूरी दुनिया बढ़ती जनसंख्या और संसाधनों के दबाव पर चर्चा कर रही है, राजस्थान के अजमेर जिले का एक अनोखा परिवार सुर्खियों में है। रामसर गांव में बागड़ी परिवार अपने 195 सदस्यों के साथ न सिर्फ एकता और अनुशासन का प्रतीक है, बल्कि यह साबित करता है कि बड़ी जनसंख्या भी सही दिशा और संगठन के साथ समाज की ताकत बन सकती है। यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें पारिवारिक मूल्यों और सामूहिक जीवन की ताकत को फिर से समझने का मौका देती है।
एक छत के नीचे 195 दिलों की धड़कनरामसर गांव में रहने वाला बागड़ी परिवार अपने विशाल आकार के लिए जाना जाता है। इस परिवार में 14 बेटे, 49 बहुएं, 18 पोते, 28 पड़पोते और 33 पड़पोतियां शामिल हैं। सबसे खास बात यह है कि इतने बड़े परिवार के सभी सदस्य एक ही रसोई से भोजन करते हैं। रोजाना 40-50 किलो आटा, 50 किलो सब्जियां और ढेर सारी मेहनत के साथ तैयार होने वाला सामूहिक भोजन इस परिवार की एकजुटता का प्रतीक है। अलग-अलग कमरों और मकानों में रहने के बावजूद, यह परिवार एक साथ भोजन करता है और हर सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ खड़ा रहता है।
मेहनत और एकता से बनी आर्थिक मजबूतीबागड़ी परिवार की कहानी केवल संख्याओं तक सीमित नहीं है। यह परिवार अपनी मेहनत और व्यवस्थित जीवनशैली के दम पर आर्थिक रूप से भी सशक्त है। खेती और पशुपालन उनकी आय का मुख्य स्रोत है, जिससे परिवार की मासिक आय दो करोड़ रुपये से अधिक है। उनके पास 80 भैंसें, 40 गायें, 12 ट्रैक्टर, 2 टैंकर और कई वाहन हैं। परिवार में दो सरकारी शिक्षक, दो कंपाउंडर और एक पशु कंपाउंडर भी हैं, जो समाज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह आत्मनिर्भरता और सामूहिक मेहनत का शानदार उदाहरण है।
मुश्किलों में भी अटूट एकताछोटूलाल बागड़ी, परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य, बताते हैं कि इस परिवार ने गरीबी के दिन भी देखे हैं, लेकिन कभी अलग होने का विचार नहीं किया। उनकी सफलता का राज है एकता, मेहनत और खासकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी। यह परिवार न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक प्रेरणा है। विश्व जनसंख्या दिवस पर, जब संसाधनों की कमी और बेरोजगारी की बातें जोरों पर हैं, यह परिवार यह संदेश देता है कि जनसंख्या को नियंत्रित करने का मतलब केवल संख्या कम करना नहीं, बल्कि सोच और संसाधनों का सही उपयोग करना भी है।
बॉलीवुड की नजर में भी खासयह अनोखा परिवार न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रहा है। बॉलीवुड सितारे जैसे विक्की कौशल और सारा अली खान इस परिवार से मिल चुके हैं और इसकी एकता और आत्मनिर्भरता की तारीफ कर चुके हैं। आज के दौर में, जब परिवार छोटे होते जा रहे हैं और रिश्ते डिजिटल दुनिया तक सिमट रहे हैं, यह संयुक्त परिवार नई पीढ़ी को यह सिखाता है कि एकजुट रहकर हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है।
एक प्रेरणा, एक संदेशबागड़ी परिवार की कहानी हमें यह सिखाती है कि जनसंख्या अपने आप में समस्या नहीं है। अगर परिवार में प्यार, अनुशासन और सहयोग हो, तो बड़ी संख्या भी बोझ नहीं, बल्कि ताकत बन सकती है। यह परिवार न केवल रामसर गांव के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक सामाजिक मिसाल है। विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर, यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपनी सोच को बदलने की जरूरत है। सही दिशा और सामूहिक प्रयासों के साथ, हम हर चुनौती को अवसर में बदल सकते हैं।
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