बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाने लगा है। इस साल के अंत तक होने वाले चुनावों से पहले, राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। जहां एक ओर सरकार जनता को राहत देने का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस ने महिलाओं के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह बिहार की 5 लाख जरूरतमंद महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड वितरित करेगी। लेकिन इस पहल के साथ ही एक नया विवाद भी जन्म ले चुका है, जिसमें राहुल गांधी की तस्वीर और सेनेटरी पैड को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं। आइए, इस मुद्दे की गहराई में जाकर सच्चाई को समझते हैं।
माई-बहन मान योजना: क्या है इसका उद्देश्य?कांग्रेस की ओर से शुरू की गई माई-बहन मान योजना का लक्ष्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके स्वास्थ्य व सम्मान को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, जरूरतमंद महिलाओं को न केवल मुफ्त सेनेटरी पैड दिए जा रहे हैं, बल्कि 2500 रुपये की मासिक सम्मान राशि देने का भी वादा किया गया है। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने इस योजना को लॉन्च करते हुए एक सेनेटरी पैड का बॉक्स दिखाया, जिस पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का लोगो और राहुल गांधी की तस्वीर छपी थी। इस पहल को लेकर जहां कुछ लोग इसे महिलाओं के लिए एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे महज चुनावी स्टंट करार दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल भ्रामक दावेसोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा बांटे जा रहे सेनेटरी पैड के पैकेट्स पर राहुल गांधी की तस्वीर छपी है। इन दावों ने विवाद को और हवा दी, जिससे कई लोग इस पहल पर सवाल उठाने लगे। हालांकि, कांग्रेस ने इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। पार्टी ने एक आधिकारिक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि वायरल हो रही तस्वीरें और वीडियो फर्जी हैं। असल में, सेनेटरी पैड के बॉक्स पर योजना का नाम और लोगो तो है, लेकिन राहुल गांधी की तस्वीर को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। यह पहल महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए है, न कि किसी व्यक्तिगत प्रचार के लिए।
सच्चाई और जवाबदेही का सवालकांग्रेस की इस पहल और उससे जुड़े विवाद ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या राजनीतिक दल वास्तव में जनता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं या यह सब वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है? सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलने से न केवल इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह भी चर्चा हो रही है कि ऐसी गलत सूचनाओं को कैसे रोका जाए। कांग्रेस ने लोगों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें और फर्जी खबरों पर भरोसा न करें।
सैनिटरी पैड को लेकर झूठ बोल रही BJP
— Congress (@INCIndia) July 5, 2025
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बिहार की महिलाओं के लिए क्या है इसका महत्व?
महिलाओं के लिए मुफ्त सेनेटरी पैड और आर्थिक सहायता की यह योजना बिहार जैसे राज्य में एक बड़ा बदलाव ला सकती है, जहां मासिक धर्म स्वच्छता अभी भी कई क्षेत्रों में एक चुनौती है। ग्रामीण इलाकों में आज भी कई महिलाएं सेनेटरी पैड की जगह अस्वच्छ तरीके अपनाने को मजबूर हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इस योजना के जरिए न केवल स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जा सकेगा। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि इस योजना को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, ताकि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
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