आगरा का नाम सुनते ही ताजमहल की छवि आँखों के सामने आ जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यमुना नदी के उस पार एक ऐसा बगीचा है, जो ताज की खूबसूरती को और निखार देता है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं महताब बाग़ की, जिसे ‘चाँदनी बगीचा’ भी कहा जाता है। यह 25 एकड़ में फैला बगीचा मुगलकालीन इतिहास का एक अनमोल रत्न है, जो ताजमहल के ठीक सामने अपनी खामोश कहानी बयाँ करता है।
मुगलों का सपना: महताब बाक़ का इतिहासमहताब बाग़ की नींव सम्राट बाबर ने रखी थी, लेकिन इसे असली शानो-शौकत बादशाह शाहजहाँ ने दी। इतिहासकार बताते हैं कि इस बगीचे को खास तौर पर ताजमहल को चाँदनी रात में निहारने के लिए बनाया गया था। यमुना नदी में ताज की परछाई इस बगीचे से इतनी खूबसूरत दिखती है कि देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। मुगलकालीन चारबाग शैली में बना यह बगीचा चार हिस्सों में बँटा है, जिसमें पानी के फव्वारे और नहरें इसकी सुंदरता को और बढ़ाते थे।
खोया हुआ वैभव और पुनर्जननसदियों तक उपेक्षा का शिकार रहा महताब बाग़ धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गया। यहाँ कभी विदेशी फूलों और शाही मंडपों की रौनक थी, लेकिन समय के साथ सब मिट्टी में मिल गया। 1990 के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस बगीचे को फिर से जीवंत करने की कोशिश की। खुदाई में मुगलकालीन संरचनाओं के अवशेष मिले, जो इसकी भव्यता की गवाही देते हैं। आज यह बगीचा पर्यटकों के लिए फिर से खुल चुका है, लेकिन ताजमहल की चकाचौंध में यह अब भी कहीं पीछे छूट जाता है।
पर्यावरण और संरक्षण की चुनौतीमहताब बाग़ की खूबसूरती को यमुना नदी का प्रदूषण धीरे-धीरे निगल रहा है। पर्यावरणविदों का कहना है कि नदी का गंदा पानी इस बगीचे के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचा रहा है। इसे यूनेस्को विश्व धरोहर का हिस्सा बनाने की कोशिशें चल रही हैं, ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाया जा सके।
क्यों जाएँ महताब बाग़?अगर आप आगरा में हैं, तो महताब बाग़ को अपनी सूची में जरूर शामिल करें। यहाँ की शांति और ताजमहल का अनोखा नजारा इसे खास बनाता है। भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट सिर्फ ₹25 है, जबकि विदेशियों के लिए ₹200। बगीचा सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है, जो फोटोग्राफी और इतिहास प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं।
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