ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शिक्षण समुदाय को झकझोर कर रख दिया। 21 वर्षीय बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा ने गर्ल्स हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना ने न केवल यूनिवर्सिटी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षा के मुद्दों को भी उजागर किया है। ज्योति के सुसाइड नोट में शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद परिजनों और छात्रों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। आइए, इस घटना के हर पहलू को गहराई से समझते हैं।
ज्योति की दर्दनाक कहानीज्योति शर्मा, गुरुग्राम की रहने वाली एक होनहार छात्रा, अपने सपनों को साकार करने के लिए शारदा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उनके सुसाइड नोट ने एक भयावह सच्चाई को उजागर किया। नोट में ज्योति ने लिखा, "मेरी मौत के लिए पीसीपी और डेंटल मेडिकल विभाग के शिक्षक जिम्मेदार हैं। महेंद्र सर और शार्ग मैम ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मैं लंबे समय से डिप्रेशन में हूं। मैं चाहती हूं कि उन्हें सजा मिले।" यह नोट न केवल उनके दर्द को बयां करता है, बल्कि यूनिवर्सिटी में व्याप्त तनावपूर्ण माहौल की ओर भी इशारा करता है।
ज्योति पर कथित तौर पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद उन्हें लगातार अपमान और धमकियों का सामना करना पड़ा। छात्रों का कहना है कि ज्योति को तीन दिन तक पीसीपी विभाग से भगाया गया और उनकी फाइल पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया गया। विभागाध्यक्ष ने उनके माता-पिता को बुलाने की बात कही, जिसके बाद ज्योति को मानसिक रूप से और अधिक तोड़ा गया। शुक्रवार शाम को वह अपने दोस्तों के सामने रोती हुई दिखीं, और उसी रात उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
छात्रों का आक्रोश और प्रदर्शनज्योति की आत्महत्या की खबर फैलते ही हॉस्टल में हड़कंप मच गया। नाराज छात्रों ने देर रात यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। शनिवार सुबह परिजनों और स्थानीय लोगों ने भी इस विरोध में हिस्सा लिया। छात्रों की मांग थी कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। एक छात्रा ने बताया, "ज्योति हमारी बैचमेट थी। वह बहुत परेशान थी। हमें यहां न तो अच्छी सुरक्षा मिलती है और न ही खाना।" अन्य छात्रों ने शिकायत की कि शिक्षकों का रवैया बेहद सख्त है और छोटी-छोटी बातों पर छात्रों को अपमानित किया जाता है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवालइस घटना ने शारदा यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। छात्रों का आरोप है कि वार्डन ने ज्योति का सुसाइड नोट छिपाने की कोशिश की। इसके अलावा, हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं की कमी भी चर्चा का विषय बन गई है। एक छात्र ने कहा, "100 बच्चों पर सिर्फ एक फैकल्टी हस्ताक्षर के लिए आती है। अगर कोई सवाल पूछ ले तो उसे तुरंत बाहर कर दिया जाता है।" ये आरोप दर्शाते हैं कि यूनिवर्सिटी में न केवल मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी हो रही है, बल्कि बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांचघटना की सूचना मिलते ही नॉलेज पार्क थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ज्योति के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। दो नामजद आरोपियों, महेंद्र सर और शार्ग मैम, को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, और परिजनों व छात्रों को भरोसा दिलाया है कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।
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