देहरादून में पुस्तक विक्रेताओं के लिए 20 मई 2025 का दिन एक नई उम्मीद लेकर आया। लंबे समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई के बाद, उत्तराखंड हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं को बड़ी राहत दी। आज सुबह 11:30 बजे, सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर नायब तहसीलदार और जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में तीन प्रमुख पुस्तक दुकानों - Brothers Pustak Bhandar Rajpur Road, National Book Depot Dispensary Road, और Asian Book Depot Convent Road की सील खोल दी गई।
यह जीत न केवल दुकानदारों के लिए, बल्कि दून वैली के उन तमाम पाठकों और छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो इन दुकानों पर निर्भर हैं।
डेढ़ महीने का संघर्ष और विरोध
करीब डेढ़ महीने पहले, देहरादून प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए इन तीन पुस्तक दुकानों को सील कर दिया था। इस कार्रवाई से स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश फैल गया। Dun Valley Mahanagar Udyog Vyapar Mandal के अध्यक्ष Pankaj Maison और Dun Ghati Book Seller Association के Randhir Arora ने इस फैसले का पुरजोर विरोध किया।
जब प्रशासन ने उनकी बात नहीं सुनी, तो व्यापारियों ने एकजुट होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी मेहनत और एकता रंग लाई, और आज हाई कोर्ट के आदेश ने न केवल दुकानदारों को उनका हक दिलाया, बल्कि यह भी साबित किया कि कानून के सामने सच की जीत होती है।
इन दुकानों का खुलना देहरादून के पुस्तक प्रेमियों और छात्रों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। Brothers Pustak Bhandar, National Book Depot, और Asian Book Depot लंबे समय से शहर में किताबों का खजाना उपलब्ध कराते रहे हैं। चाहे स्कूल-कॉलेज की पाठ्यपुस्तकें हों या साहित्यिक कृतियाँ, ये दुकानें हर उम्र के पाठकों की जरूरतें पूरी करती हैं। दुकानों के बंद होने से कई छात्रों को पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब हाई कोर्ट के इस फैसले ने उनकी राह आसान कर दी है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद दुकानें खुलते ही स्थानीय व्यापारियों और दुकान मालिकों ने खुशी जाहिर की। Pankaj Maison ने कहा, “यह जीत सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की है जो किताबों और शिक्षा के महत्व को समझता है।” वहीं, Randhir Arora ने हाई कोर्ट और कानूनी व्यवस्था का आभार जताया, जिसने छोटे व्यापारियों को न्याय दिलाया। यह घटना प्रशासन के लिए भी एक सबक है कि बिना ठोस कारण और सुनवाई के ऐसी कार्रवाइयाँ भविष्य में विवाद को जन्म दे सकती हैं।
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