यामीन विकट, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ और उसके विरोध करने पर परिवार के साथ बर्बर मारपीट का मामला सामने आया है। कोतवाली पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन परिवार का कहना है कि इंसाफ की राह अभी लंबी है। यह घटना न केवल सामाजिक सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई की जरूरत को भी रेखांकित करती है।
नल पर पानी भर रही थी नाबालिग, शुरू हुआ हादसा10 जून 2025 की शाम करीब सात बजे, ठाकुरद्वारा के ग्राम अब्दुल्लापुर लेदा में रहने वाली 15 साल की एक नाबालिग लड़की अपने घर के पास नल पर पानी भर रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाला सुहेल, जो पहले भी लड़की को परेशान करता रहा था, वहां पहुंचा। उसने न केवल लड़की का हाथ पकड़ा, बल्कि अश्लील हरकतें भी शुरू कर दीं। लड़की ने डर के बावजूद हिम्मत दिखाई और शोर मचाया। उसकी आवाज सुनकर उसके पिता और जेठानी मौके पर पहुंचे, लेकिन इसके बाद हालात और बेकाबू हो गए।
विरोध का जवाब मिला लाठियों सेसुहेल ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों—असमुद्दीन, अलामुद्दीन, निजामे, कमरूल हसन, बहारे, शमशुद्दीन और शाहरुख को बुला लिया। इन सभी ने मिलकर पीड़िता के परिवार पर हमला बोल दिया। गाली-गलौज के साथ शुरू हुआ विवाद जल्द ही हिंसक हो गया। लाठी-डंडों से किए गए हमले में लड़की के पिता के सिर पर गहरी चोट आई, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। उन्हें पहले स्थानीय सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत के चलते हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
पुलिस की सुस्ती पर सवालपीड़ित परिवार का आरोप है कि इस गंभीर मामले में पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में 10 दिन की देरी की। परिवार का कहना है कि इतने संवेदनशील मामले में पुलिस की यह सुस्ती समझ से परे है। इस बीच, आरोपी खुले आम घूम रहे हैं, जिससे परिवार में डर का माहौल है। पीड़िता की मां ने बताया, "हमारी बेटी पहले ही सदमे में है, और अब हमें डर है कि कहीं आरोपी हमें और नुकसान न पहुंचाएं।" परिवार ने पुलिस से तुरंत कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की है।
समाज और प्रशासन के लिए सबकयह घटना समाज में महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। पड़ोस जैसे करीबी रिश्ते में भी ऐसी हरकतें होना बेहद चिंताजनक है। स्थानीय लोग इस घटना से आक्रोशित हैं और चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले। दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि जांच शुरू हो चुकी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या देरी से दर्ज हुई शिकायत और खुलेआम घूम रहे आरोपी पीड़ित परिवार को इंसाफ का भरोसा दिला पाएंगे?
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